11 September special day in India
11 सितम्बर का दिन विशेष
11 September
special day in India

11 September special day in India
महत्वपूर्ण दिवस
11 सितम्बर का दिन विशेष
11 सितम्बर का इतिहास
- 1906: महात्मा गांधी द्वारा अफ्रीका में पहली बार सत्याग्रह शब्द का प्रयोग किया गया।
- 1939 : इराक और सऊदी अरब ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
- 1941: अमेरिका ने पेंटागन का निर्माण शुरू किया।
- 1944: द्वितीय विश्व युद्ध – डार्मस्टाट शहर पर रॉयल एयर फ़ोर्स की बमबारी में 11,500 नागरिक मारे गए।
- 1961: विश्व वन्यजीव कोष की स्थापना
- 1971: मिस्र का संविधान आधिकारिक रूप से लागू हुआ।
- 1997: नासा का मार्स ग्लोबल सर्वेयर मंगल ग्रह पर पहुँचा।
- 2001: आतंकवादियों द्वारा दो यात्री विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर टावरों से टकराने से हज़ारों लोग मारे गए।
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11 सितम्बर जन्म, निधन
11 सितम्बर का दिन विशेष
विनायक नरहरि भावे जन्म
विनायक नरहरि भावे जिन्हें प्रेमपूर्वक “विनोबा भावे” कहा जाता है, भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और गांधीवादी विचारक थे। उनका जन्म 11 सितम्बर 1895 को महाराष्ट्र में हुआ। वे भूदान आंदोलन के प्रणेता थे, जिसमें उन्होंने जमीनदारों से भूमि दान में लेकर गरीबों को दिलाई। अहिंसा, सत्य और सामाजिक न्याय के प्रति उनका गहरा विश्वास था। उन्हें 1958 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनका जीवन सादगी, सेवा और करुणा का अद्वितीय उदाहरण है।
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सुधामय प्रमानिक जन्म
सुधामय प्रमानिक (जन्म: 11 सितम्बर 1884, शांतिपुर – निधन: 2 अक्टूबर 1974, कोलकाता) बंगाल के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी और वकील थे। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की और रायगंज व सीलदाह की अदालतों में वकालत की। वे तिली समाज के आजीवन सचिव रहे और दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ निरंतर संघर्ष किया। 1930 के असहयोग आंदोलन में उन्होंने रायगंज में पूर्ण स्वराज दिवस का नेतृत्व किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे कई क्रांतिकारियों के पक्ष में खड़े हुए और बाद में कोलकाता में गरीब विद्यार्थियों की मदद के लिए कार्य करते रहे। उनका जीवन समाज सुधार, न्याय और स्वतंत्रता के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
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लाला अमरनाथ भरद्वाज जन्म
लाला अमरनाथ भरद्वाज भारतीय क्रिकेट के एक महान खिलाड़ी थे, जिनका जन्म 11 सितम्बर 1911 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वे टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ बने। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारतीय टीम के पहले कप्तान के रूप में भी नेतृत्व किया। लाला अमरनाथ अपने ऑलराउंड प्रदर्शन और जुझारू खेल के लिए प्रसिद्ध थे। उनका योगदान भारतीय क्रिकेट की नींव मजबूत करने में अमूल्य रहा। 5 अगस्त 2000 को उनका निधन हुआ।
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मोहन मधुकर भागवत जन्म
मोहन मधुकर भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छठे सरसंघचालक हैं। उनका जन्म 11 सितम्बर 1950 को महाराष्ट्र में हुआ। वे पेशे से पशु-चिकित्सक रहे, परंतु युवावस्था में ही संघ कार्य से जुड़ गए। 2009 में उन्हें सरसंघचालक पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके नेतृत्व में संघ ने सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। मोहन भागवत अपने सादगीपूर्ण जीवन, स्पष्ट विचार और राष्ट्रहित की भावना के लिए जाने जाते हैं।
11 सितम्बर का दिन विशेष
पैट्रियट डे
पैट्रियट डे
11 September special day in India
पैट्रियट डे
#PatriotDay #NeverForget911 #UnityAndStrength
पैट्रियट डे हर वर्ष 11 सितम्बर को संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया जाता है। यह दिन 2001 में हुए भयानक आतंकवादी हमलों के शिकार हुए हजारों लोगों की स्मृति को समर्पित है। इस हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन को निशाना बनाया गया था, जिसमें अनेक निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई और कई वीर अग्निशामक व पुलिसकर्मी बचाव कार्य करते हुए शहीद हो गए।
इस दिन पूरे अमेरिका में झंडा
इस दिन पूरे अमेरिका में झंडा आधा झुकाकर फहराया जाता है और दो मिनट का मौन रखकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाती है। विभिन्न स्मारक स्थलों पर मोमबत्तियाँ जलाकर और प्रार्थना सभाएँ आयोजित कर उनकी याद को संजोया जाता है। पैट्रियट डे न केवल दुःख और शोक का दिन है, बल्कि एकता, साहस और मानवता के मूल्यों को याद दिलाने का अवसर भी है। यह दिन हमें आतंकवाद के खिलाफ खड़े रहने और शांति की राह चुनने का संदेश देता है।
11 सितम्बर का दिन विशेष
पुस्तकालय स्मरण दिवस
पुस्तकालय स्मरण दिवस
11 September special day in India
पुस्तकालय स्मरण दिवस
#LibrariesRememberDay #PreserveKnowledge #CulturalHeritage
पुस्तकालय स्मरण दिवस हर वर्ष 11 सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिन उन ऐतिहासिक घटनाओं और दुखद आपदाओं को स्मरण करने का अवसर है, जिनमें अनमोल पुस्तकालय, उनकी धरोहर और सांस्कृतिक धरोहरें नष्ट हुईं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि पुस्तकालय केवल किताबों का संग्रह नहीं होते, बल्कि वे ज्ञान, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षक हैं।
इस दिन पुस्तकालयों में विशेष
इस दिन पुस्तकालयों में विशेष प्रदर्शनी, चर्चा और स्मरण सभाएँ आयोजित की जाती हैं, जिनका उद्देश्य इतिहास से सीख लेकर ज्ञान की रक्षा करना है। साथ ही यह संदेश भी दिया जाता है कि पुस्तकालयों की सुरक्षा और संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। पुस्तकों और अभिलेखों को बचाना भविष्य की पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर बचाने के समान है। लाइब्रेरीज़ रिमेंबर डे हमें यह सिखाता है कि ज्ञान की ज्योति कभी बुझनी नहीं चाहिए। यह दिन संस्कृति, शिक्षा और स्मृति का प्रतीक है।
11 सितम्बर का दिन विशेष | 11 September special day in India