12 March special day in India
12 मार्च को मनाया जाने वाला दिवस

12 March
special day in India

12 march special day in india

12 March special day in India
महत्वपूर्ण दिवस

12 March special day in India
12 मार्च जन्म, निधन

1984: ‘श्रेया घोषाल’ – प्रसिद्ध पार्श्व गायिका, जन्म

  • श्रेया घोषाल भारत की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका हैं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘देवदास’ (2002) से की, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। श्रेया ने हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल और तेलुगु सहित कई भाषाओं में गाने गाए हैं। अपनी सुरीली आवाज और उत्कृष्ट गायकी के लिए वे कई राष्ट्रीय और फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं। 
  • #ShreyaGhoshal #MelodiousVoice #QueenOfMelody

1969: ‘फाल्गुनी पाठक’ – प्रसिद्ध पार्श्व गायिका, जन्म

  • फाल्गुनी पाठक भारतीय गायिका हैं, जिन्हें डांडिया क्वीन के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 12 मार्च 1964 को हुआ था। फाल्गुनी अपने गुजराती गरबा गीतों और पॉप गानों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके लोकप्रिय गाने “मेरी चुनरी उड़ उड़ जाए” और “याद पिया की आने लगी” हैं।
  • #FalguniPathak #DandiyaQueen #MusicIcon

1913: ‘यशवंतराव चव्हाण’ – भारत के पाँचवें उप-प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री, जन्म

  • यशवंतराव चव्हाण भारत के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री थे। उनका जन्म 12 मार्च 1913 को हुआ था। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ग्रामीण विकास, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • #YashwantraoChavan #MaharashtraLeader #FreedomFighter

12 March special day in India
12 मार्च इतिहास

1968: मॉरीशस को इंग्लैंड से स्वतंत्रता मिली।

1969: अपोलो 9 की वापसी – अपोलो 9 ‘चंद्र मॉड्यूल’ का परीक्षण करने के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आया।

12 मार्च को मनाया जाने वाला दिवस
विश्व साइबर सेंसरशिप विरोधी दिवस

12 मार्च

विश्व साइबर सेंसरशिप विरोधी दिवस

#CyberCensorshipDay #FreeInternet #DigitalRights

विश्व साइबर सेंसरशिप विरोधी दिवस हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है, ताकि इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना के मुक्त प्रवाह के महत्व को जागरूक किया जा सके। इस दिन की शुरुआत रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे संगठनों ने की थी।

इस दिन का उद्देश्य

इस दिन का उद्देश्य सरकारों और संस्थानों द्वारा इंटरनेट पर लगाए गए सेंसरशिप के खिलाफ आवाज उठाना है। साइबर सेंसरशिप से स्वतंत्र अभिव्यक्ति, पत्रकारिता और सूचना तक पहुंच बाधित होती है।

यह दिन लोगों को डिजिटल

यह दिन लोगों को डिजिटल अधिकारों के प्रति जागरूक करने और इंटरनेट को एक स्वतंत्र मंच बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। विश्व साइबर सेंसरशिप विरोधी दिवस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा और सभी के लिए सूचना की स्वतंत्र पहुंच सुनिश्चित करने का प्रतीक है।

12 मार्च को मनाया जाने वाला दिवस
नेशनल वर्किंग मॉम्स डे

12 मार्च

नेशनल वर्किंग मॉम्स डे

#WorkingMomsDay #WomenEmpowerment #RespectMothers

नेशनल वर्किंग मॉम्स डे हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है, ताकि कामकाजी माताओं के योगदान और मेहनत को सम्मानित किया जा सके। यह दिन उन महिलाओं की सराहना करता है जो घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने पेशेवर जीवन को भी बखूबी संभालती हैं।

कामकाजी माताएं समाज

कामकाजी माताएं समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, जो अपने परिवार की देखभाल के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी योगदान देती हैं। उनकी मेहनत, त्याग और समर्पण को पहचानने के लिए यह दिन प्रेरित करता है।

यह दिन महिलाओं को

यह दिन महिलाओं को सशक्त बनाने, समान अवसर प्रदान करने और कामकाजी माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का संदेश देता है। नेशनल वर्किंग मॉम्स डे मातृत्व और करियर के संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रतीक है।

12 March special day in India
डांडी मार्च यात्रा दिवस

12 मार्च

डांडी मार्च यात्रा दिवस

#DandiMarch #MahatmaGandhi #FreedomStruggle

डांडी मार्च यात्रा दिवस हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है, ताकि महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुई ऐतिहासिक डांडी मार्च (नमक सत्याग्रह) की याद को सम्मानित किया जा सके। यह यात्रा 1930 में ब्रिटिश सरकार के नमक कानून के खिलाफ की गई थी, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी।

महात्मा गांधी ने साबरमती

महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से डांडी गांव तक 384 किलोमीटर की यह यात्रा 24 दिनों में पूरी की। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन द्वारा लगाए गए अत्यधिक नमक कर का विरोध करना था।

डांडी मार्च ने पूरे देश में

डांडी मार्च ने पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और अहिंसक विरोध का प्रतीक बन गया। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जनता की भागीदारी और गांधीजी के नेतृत्व की प्रेरणा का प्रतीक है।

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