22 April special day in India
22 अप्रैल को मनाया जाने वाला दिवस
22 April
special day in India

22 april special day in India
महत्वपूर्ण दिवस
22 april special day in India
22 अप्रैल जन्म, निधन
चेतन भगत जन्म
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चेतन भगत भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकार, स्तंभकार और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। उनका जन्म 22 अप्रैल 1974 को नई दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई आईआईटी दिल्ली और आईआईएम अहमदाबाद से पूरी की। चेतन भगत की लेखनी युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है। उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में Five Point Someone, 2 States, Half Girlfriend और The 3 Mistakes of My Life शामिल हैं, जिन पर बॉलीवुड फिल्में भी बनी हैं। उनकी कहानियाँ सरल भाषा में होती हैं और सामाजिक, भावनात्मक विषयों को उजागर करती हैं। वे युवाओं को प्रेरित करने वाले लेखक माने जाते हैं।
22 April special day in India
अप्रैल इतिहास
1056: क्रैब नेबुला में सुपरनोवा विस्फोट।
1948: अरब-इजरायल युद्ध – अरबों ने प्रमुख इजरायली बंदरगाह हाइफा पर कब्जा कर लिया।
1954 : तत्कालीन सोवियत रूस यूनेस्को में शामिल हुआ।
1970: पहली बार पृथ्वी दिवस मनाया गया।
1977: टेलीफोन संचार आरंभ करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर का प्रथम प्रयोग।
2016: पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये, जो ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए एक समझौता था।
22 अप्रैल को मनाया जाने वाला दिवस
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस
22 April special day in India
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस
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अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन हमें प्रकृति, पर्यावरण और धरती माता के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है। इसकी शुरुआत 1970 में अमेरिका से हुई, और 2009 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक रूप से “International Mother Earth Day” के रूप में मान्यता दी।
इस दिन का उद्देश्य लोगों को
इस दिन का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की रक्षा और सतत विकास की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना है। आज के समय में बढ़ते प्रदूषण, जंगलों की कटाई और संसाधनों के अत्यधिक उपयोग ने पृथ्वी को संकट में डाल दिया है।
इस दिन वृक्षारोपण, सफाई अभियान
इस दिन वृक्षारोपण, सफाई अभियान, जागरूकता रैली, प्लास्टिक मुक्त अभियान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हमें यह समझना होगा कि पृथ्वी केवल हमारा घर नहीं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी भी है। प्रकृति से संतुलन बनाकर ही हम एक सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।