27 जून का दिन विशेष
27 june special day in India

27 June
special day in India

27 june special day in india

27 June special day in India
महत्वपूर्ण दिवस

27 जून का दिन विशेष
27 जून इतिहास

1806: ब्रिटिश सैनिकों ने अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पर कब्जा किया।

1946: कनाडा की संसद ने कनाडाई नागरिकता अधिनियम में कनाडाई नागरिकता को परिभाषित किया।

1950 : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव अपनाया गया।

1954: दुनिया का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र मास्को के निकट ओबनिंस्क में चालू किया गया।

1957 : ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया कि धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। यह रिपोर्ट 25 साल के शोध पर आधारित थी

1967: दुनिया का पहला एटीएम लंदन के पास एनफील्ड में स्थापित किया गया। उपयोग शुरू करें.

1977: जिबूती को फ़्रांस से स्वतंत्रता मिली।

2002 : जी-8 देश परमाणु हथियारों को नष्ट करने की रूसी योजना पर सहमत हुए।

27 June special day in India
27 जून जन्म, निधन

राहुल देव बर्मन जन्म

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राहुल देव बर्मन, जिन्हें आर. डी. बर्मन या “पंचम दा” के नाम से जाना जाता है, हिंदी सिनेमा के महान संगीतकारों में से एक थे। उनका जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को आधुनिक ध्वनियों और प्रयोगधर्मी धुनों से नई दिशा दी। पंचम दा ने ‘शोले’, ‘कारवाँ’, ‘हम किसी से कम नहीं’, ‘याराना’, और ‘1942: ए लव स्टोरी’ जैसी फिल्मों में यादगार संगीत दिया। उनकी रचनाओं में वेस्टर्न और भारतीय संगीत का अनोखा संगम देखने को मिलता है। उनका संगीत आज भी युवाओं और पुराने श्रोताओं को समान रूप से मंत्रमुग्ध करता है।

पी. टी. उषा  जन्म

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पी. टी. उषा, जिन्हें “भारत की उड़नपरी” कहा जाता है, भारतीय एथलेटिक्स की सबसे चमकदार सितारों में से एक हैं। उनका जन्म 27 जून 1964 को केरल में हुआ था। उन्होंने 1980 और 1990 के दशक में देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। 1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक में वे 400 मीटर हर्डल्स के फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं, जो किसी भारतीय महिला एथलीट के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। उन्होंने एशियाई खेलों और एशियन चैंपियनशिप में कई स्वर्ण पदक जीते। पी. टी. उषा आज भी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी हुई हैं।

जनरल सैम माणेकशॉ निधन

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जनरल सैम माणेकशॉ भारत के पहले फील्ड मार्शल थे, जिनका जन्म 3 अप्रैल 1914 को अमृतसर में हुआ था। वे भारतीय सेना के सबसे प्रतिष्ठित और साहसी सेनानायकों में गिने जाते हैं। 1971 के भारत-पाक युद्ध में उनके कुशल नेतृत्व के कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ और भारत को ऐतिहासिक विजय मिली। उनकी रणनीतिक सोच, दृढ़ता और सैनिकों के प्रति संवेदनशीलता के लिए वे प्रसिद्ध थे। माणेकशॉ का सैन्य जीवन अनुशासन और सम्मान का प्रतीक रहा। उन्हें 1973 में फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका निधन 27 जून 2008 को हुआ, लेकिन उनकी वीरता हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

महाराजा रणजीत सिंह निधन
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महाराजा रणजीत सिंह, जिन्हें “शेर-ए-पंजाब” कहा जाता है, सिख साम्राज्य के संस्थापक और महान शासक थे। उनका जन्म 13 नवंबर 1780 को गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) हुआ था और निधन 27 जून 1839 को लाहौर में हुआ। उन्होंने 1799 में लाहौर पर अधिकार कर एक शक्तिशाली, धर्मनिरपेक्ष और संगठित सिख राज्य की स्थापना की। रणजीत सिंह ने अपने शासन में सभी धर्मों को समान अधिकार और सम्मान दिया। उनकी सेना में हिन्दू, मुस्लिम और सिख सैनिक एक साथ कार्य करते थे। वे स्वर्ण मंदिर की मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उनका शासन न्याय, बहुलता और एकता का प्रतीक था।

27 जून का दिन विशेष
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस

27 June special day in India

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस

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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस (Micro-, Small and Medium-sized Enterprises Day) हर वर्ष 27 जून को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था में एमएसएमई (MSME) की भूमिका को पहचान देना और उनके विकास के लिए समर्थन जुटाना है। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को 2017 में मान्यता दी थी ताकि रोजगार, नवाचार और सतत विकास में इन उद्योगों की महत्ता को उजागर किया जा सके।

भारत जैसे विकासशील देशों में

भारत जैसे विकासशील देशों में एमएसएमई क्षेत्र करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करता है और जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। ये उद्यम नई तकनीक, महिला उद्यमिता और स्थानीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, ये उद्योग वित्तीय सहायता, तकनीकी संसाधन और बाजार पहुँच जैसी चुनौतियों से जूझते हैं।

यह दिवस हमें याद दिलाता है कि

यह दिवस हमें याद दिलाता है कि यदि एमएसएमई को सही दिशा और समर्थन मिले, तो वे आत्मनिर्भर और समावेशी अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन सकते हैं।

27 जून का दिन विशेष
अंतर्राष्ट्रीय बधिर-दृष्टिहीनता दिवस

27 June special day in India

अंतर्राष्ट्रीय बधिर-दृष्टिहीनता दिवस

#DeafblindDay #InclusionMatters #EqualRights

अंतर्राष्ट्रीय बधिर-दृष्टिहीनता दिवस (International Day of Deafblindness) हर साल 27 जून को मनाया जाता है। यह दिन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हेलेन केलर की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो स्वयं बधिर-दृष्टिहीन थीं और फिर भी उन्होंने शिक्षा, मानवाधिकार और विकलांगता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। इस दिवस का उद्देश्य उन लोगों के अधिकारों, आवश्यकताओं और चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाना है, जो श्रवण और दृष्टि दोनों प्रकार की अक्षमता से ग्रसित होते हैं।

बधिर-दृष्टिहीन व्यक्ति संवाद, शिक्षा और

बधिर-दृष्टिहीन व्यक्ति संवाद, शिक्षा और सामाजिक जीवन में विशेष कठिनाइयों का सामना करते हैं। इसलिए, उनके लिए विशेष सहायता, तकनीकी संसाधन, तथा समावेशी नीति की आवश्यकता होती है। इस दिन विभिन्न संगठनों द्वारा कार्यक्रम, कार्यशालाएं और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं, ताकि समाज में समावेश और समानता का संदेश दिया जा सके। यह दिन हमें सहानुभूति, समर्थन और समान अवसरों की आवश्यकता का बोध कराता है।

27 जून का दिन विशेष | 27 june special day in India

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