30 April special day in India
30 अप्रैल को मनाया जाने वाला दिवस

30 April
special day in India

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30 april special day in India
महत्वपूर्ण दिवस

30 april special day in India
30 अप्रैल जन्म, निधन

दादासाहेब फालके जन्म

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दादासाहेब फालके भारतीय सिनेमा के जनक माने जाते हैं। उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था। उन्होंने भारत की पहली मूक फिल्म “राजा हरिश्चंद्र” (1913) बनाई, जिसने भारतीय फिल्म उद्योग की नींव रखी। फाल्के बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे — वे निर्देशक, निर्माता, लेखक और छायाकार भी थे। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए भारत सरकार ने “दादासाहेब फालके पुरस्कार” की स्थापना की, जो भारतीय फिल्मों का सर्वोच्च सम्मान है। उनका निधन 16 फरवरी 1944 को हुआ। वे आज भी भारतीय सिनेमा के प्रेरणास्रोत हैं। 

तुकडोजी महाराज जन्म

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तुकडोजी महाराज एक महान संत, समाजसुधारक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनका जन्म 30 अप्रैल 1909 को महाराष्ट्र के यावली ग्राम (वर्धा ज़िला) में हुआ था। उन्होंने भजन, कीर्तन और प्रवचनों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाई। ग्रामीण upliftment, स्वच्छता, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर उन्होंने विशेष जोर दिया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने सक्रिय भाग लिया और जेल भी गए। उनके द्वारा रचित “ग्रामगीता” आज भी ग्रामीण विकास का मार्गदर्शक ग्रंथ मानी जाती है। उनका निधन 11 अक्टूबर 1968 को हुआ। वे आज भी जनजागरण और सेवा के प्रतीक माने जाते हैं।

रोहित शर्मा जन्म

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रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के एक शानदार बल्लेबाज़ हैं। उनका जन्म 30 अप्रैल 1987 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। वे अपनी शैलीशैली और शॉट चयन के लिए प्रसिद्ध हैं। रोहित वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 264 रन है। उन्होंने कई बार आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम को जीत दिलाई है। वे टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में भारत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। रोहित को क्रिकेट प्रेमियों में “हिटमैन” के नाम से जाना जाता है।

खालिद चौधरी निधन

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खालिद चौधरी (20 दिसंबर 1919 – 30 अप्रैल 2014) भारतीय रंगमंच के एक प्रतिष्ठित कलाकार थे, जिन्होंने बंगाली और हिंदी थिएटर में मंच, परिधान और संगीत निर्देशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म असम के करीमगंज में हुआ था। उन्होंने 1945 में भारतीय जन नाट्य संघ (IPTA) से जुड़कर अपने थिएटर करियर की शुरुआत की। 1953 में वे ‘बहुरूपी’ नाट्य संस्था से जुड़े और ‘रक्तकरबी’ (1954) जैसे नाटकों के लिए उनके मंच सज्जा को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने शंभु मित्र, त्रिप्ति मित्रा और श्यामानंद जलान जैसे दिग्गजों के साथ काम किया। संगीत और लोकसंस्कृति में उनकी गहरी रुचि थी, जिसके चलते उन्होंने 1965 में ‘फोक म्यूज़िक एंड फोकलोर रिसर्च इंस्टिट्यूट’ की स्थापना की। उनके योगदान के लिए उन्हें 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वे आज भी भारतीय रंगमंच के प्रेरणास्रोत माने जाते हैं।

30 April special day in India
30 अप्रैल इतिहास

1789 : प्रथम अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन का शपथग्रहण हुआ।

1897 : सर जे.जे. थॉमसन ने रॉयल इंस्टीट्यूशन में एक व्याख्यान में इलेक्ट्रॉन की खोज की घोषणा की।

1905: अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी डॉक्टरेट थीसिस पूरी की।

1955 : भारतीय सबसे पुराने और सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंकों में से एक इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (आईबीआई) को बाद में 1955 में भारतीय स्टेट बैंक में बदल दिया गया।

30 अप्रैल को मनाया जाने वाला दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जैज़ दिवस

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अंतर्राष्ट्रीय जैज़ दिवस

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अंतर्राष्ट्रीय जैज़ दिवस हर वर्ष 30 अप्रैल को मनाया जाता है। इसकी स्थापना यूनेस्को और प्रसिद्ध जैज़ संगीतकार हेरबी हैनकॉक ने 2011 में की थी। इस दिन का उद्देश्य जैज़ संगीत की वैश्विक भूमिका को पहचान देना है, जो सांस्कृतिक संवाद, शांति, स्वतंत्रता और एकता को बढ़ावा देता है। जैज़ एक ऐसा संगीत है जो विविध संस्कृतियों, परंपराओं और सामाजिक अनुभवों को एक साथ जोड़ता है।

इस दिवस पर दुनिया भर में संगीत कार्यक्रम

इस दिवस पर दुनिया भर में संगीत कार्यक्रम, कार्यशालाएं, प्रदर्शनी और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें जैज़ के इतिहास, विकास और इसके सामाजिक प्रभावों को समझाया जाता है। जैज़ केवल एक संगीत शैली नहीं, बल्कि एक अभिव्यक्ति है, जो रचनात्मकता और स्वतन्त्रता का प्रतीक है।

अंतर्राष्ट्रीय जैज़ दिवस हमें याद दिलाता है कि संगीत सीमाओं को मिटा सकता है और लोगों को जोड़ सकता है।

30 अप्रैल को मनाया जाने वाला दिवस
राष्ट्रीय ईमानदारी दिवस

30 April special day in India

राष्ट्रीय ईमानदारी दिवस

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राष्ट्रीय ईमानदारी दिवस हर साल 30 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य समाज में ईमानदारी, पारदर्शिता और सत्य बोलने की आदत को प्रोत्साहित करना है। इसकी शुरुआत अमेरिका के लेखक एम. हिर्श गोल्डबर्ग ने की थी, जिन्होंने झूठ और धोखे से भरे समाज में सच्चाई के महत्व को उजागर करने के लिए इस दिन को चुना।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि

यह दिन हमें याद दिलाता है कि व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में ईमानदारी का कितना महत्व है। ईमानदारी से जीवन जीने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मान, विश्वास और आत्मसंतोष मिलता है।

इस अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों

इस अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में सच बोलने, नैतिक मूल्यों पर चर्चा और ईमानदारी से जुड़ी कहानियों का आदान-प्रदान किया जाता है।

राष्ट्रीय ईमानदारी दिवस हमें यह सिखाता है कि सच्चाई भले ही कठिन हो, लेकिन उसका परिणाम हमेशा सकारात्मक और स्थायी होता है।

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